हास्य व्यंग्य

व्यंग – मोबाइल और आज का जीवन

मोबाइल के नुकसान गिनवाने वाले लोग तो आपने बहुत देखे होंगे,आज मैं मोबाइल से होने वाले फायदों के बारे में आप लोगों को बताना चाहता हूँ।जी हां ध्यान से पढ़िएगा जनाब क्योंकि यह एक बहुत ही उपयोगी बात है,जो मैं आज बताने जा रहा हूँ,मैंने अक्सर देखा है कि लोग अपने बच्चों को डांटते हैं, कि मोबाइल छोड़ दो हर समय मोबाइल पर रहना उचित नहीं है किंतु आप ने मोबाइल देखते बच्चों के पीछे खास बात अगर नोटिस नहीं कि तो मैं आपको बताना चाहता हूँ। पहले क्या हुआ करता था जब हम छोटे थे। तब हमें हमारे बड़े कहते रहते थे कि पढ़ लो पढ़ लो पढ़ लो बाहर जाना नहीं है,खेलने कूदने। लेकिन हम नहीं मानते थे किसी ना किसी बहाने से किसी ना किसी तरीके से बाहर खेलने चले जाते थे।किंतु अब कितना आसान हो गया है,मोबाइल ने लोगों की लाइफ कितनी सीमित कर दी है बच्चों के पास अब बाहर जाने का समय ही नहीं है।कब वह 2 साल से 20 साल के हो जाते हैं,हमें पता ही नहीं चलता और मां-बाप भी कम नहीं है जनाब मां-बाप भी बहुत खुश हैं, उन्हें भी अब लगने लगा है कि बाहर जाने से अच्छा तो कम से कम यह है कि बच्चे घर में तो हैं।अच्छा अब मोबाइल का दूसरा और बड़ा ही सुंदर उपयोग जिसे सुनकर तो जनाब ट्रैफिक वाले भी बड़े खुश होंगे सुनिए अक्सर आप लोगों ने देखा होगा सड़कों पर जब लोग बाइक स्कूटी या कार चलाते हुए पाए जाते हैं, उल्टे हाथ में उनके मोबाइल होता है और सीधे हाथ में स्टेरिंग होता है।अब इस तरीके से गाड़ी चलाने वालों की खास बात देखिए जनाब क्योंकि उन्हें मोबाइल देखना है और मोबाइल पर पता नहीं क्या क्या वह देखते रहते हैं। यह तो पता नहीं लेकिन मोबाइल देखने की वजह से जिन बच्चों को या बड़ों को गाड़ी को स्पीड से चलाने से रोका जाता था वह खुद ही आराम से चलाते हैं और गाड़ी लहराना तो भूल जाइए जनाब गाड़ी बिल्कुल सीधा सीधा एक सीधी रेखा में चलती रहती है,लोग काफी सुधर गए हैं अब सिर्फ एक्सीडेंट तभी होते हैं जब कोई आपके आगे वाला झटके से ब्रेक लगा दे तो इसमें आपकी गलती नहीं है,जनाब यह तो आगे वाले की गलती है चलिए दो बड़े ही सुंदर और अच्छे उपयोगों के बाद अब मैं तीसरे और बहुत ही प्यारे और सुंदर उपयोग बताता हूँ, सुनिए घर में जब कभी परिवार में सब लोग बैठे होते थे खाना पीना खा रहे होते थे तब टेबल पर रखे खाने पर उनका ध्यान लगा रहता था कि आज नमक कम है सब्जी कच्ची-पक्की बनी है चाय सही नहीं बनी है चाय में मीठा कम ज्यादा हैं लेकिन आजकल मोबाइल में व्यस्त लोग कुछ इस तरीके से हो गए हैं कि खाते-खाते भी हमेशा मोबाइल देखते देखते उन्हें इस बात का ध्यान ही नहीं रहता कि सब्जी कैसी बनी है तो जनाब इतने अच्छे अच्छे उपयोगों के बाद भी लोग मोबाइल ले के व्यस्त रहने वालों को क्यों अच्छा नही मानते है और भला बुरा कहते है,बेकार में बच्चो से मोबाइल छीनकर बच्चो के दुश्मन ना बने।इससे आप उनके सम्मान योग्य नही बचेंगे। जरा सोचिए…………

नीरज त्यागी

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- [email protected] एवं [email protected] ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)