गांधी एक शूल
गांधी एक शूल
साहब हम हिंदू हैं अपने दुश्मनों को भी शुभाशीष दिये,
वो तो कुछ जनेऊधारी है जो आपस में हमें पीस दिये।
भगत सिंह जो फांसी चढ़े गांधी का भी कुछ रोल रहा,
सत्य अहिंसा के मौलवी ने बंटवारे का निशां खींच दिये।
भूल गये उन बलिदानों को हिंदू मुस्लिम सब साथ लड़े,
पावन भारत को ही क्यों भारतीयों के लहुं से सींच दिये।
जाति धर्म के नाम पर पाकिस्तान का बंटवारा हो गया,
गर नियत साफ़ थी फिर आतंकी क्यूं हमारे बीच दिये।
नेहरू मियां बने सत्ताधीश किनारे लगाया सरदार को,
हम चंदन के शाखों पर क्यों तुमने भुजंग का विष दिये।
संजय सिंह राजपूत