शिवशंकर की महिमा
मेरे शिवशंकर की महिमा अपरम्पार
जो शिव का स्मरण करते हैं, उनका बेड़ा पार-मेरे शिवशंकर की————–
1.जटाजूट में सोहे गंगा मस्तक पर है प्यारा चंदा
सर्पों के आभूषण सोहें, सर्पों की है माल-मेरे शिवशंकर की————–
2.वामभाग में गौरां सोहे गोद में गणपत मन को मोहे
नन्दिगण पे करें सवारी, कैलाशों में वास-मेरे शिवशंकर की————–
3.आक-धतूरा शिव को भाते फल-फूलों से खुश हो जाते
कहलाते भोले-भंडारी, चाहें केवल प्यार-मेरे शिवशंकर की————–
4.तीन लोक के शिव हैं स्वामी घट-घट व्यापी अंतर्यामी
सबको सब कुछ देते हैं शिव करते ना इन्कार-मेरे शिवशंकर की————–
(तर्ज़-पिलादे ओ साकी राम-नाम दी मस्ती———–)
आज 30 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. 19 साल बाद बना ऐसा योग बना है-
इस बार का सावन महीना अपने साथ कई श्रेष्ठ संयोग लेकर आया है। पहला संयोग यह कि सावन इस बार शनिवार से शुरू हुआ है, जो अपने आप में खास होता है। दूसरे इस बार सावन में 5 सोमवार होंगे और तीसरे यह कि ऐसा 19 साल बाद संयोग बना है, जब सावन का महीना पूरे 30 दिनों का होगा।