गीत/नवगीत

ये गुलाब का फूल

झूम-झूमकर नाच रहा है ये गुलाब का फूल,
जाने क्या-क्या बांच रहा है ये गुलाब का फूल.

शायद इसने बांचा होगा समाचार यह आज,
यमुना की बाढ़ बुझा सकती है दिल्ली की प्यास.

कोहली की सेंचुरी के दम पर बढ़ी जीत की आस,
इसीलिए शायद फूल गुलाब का आज रहा है नाच!

मोदी के आर्थिक सुधार पीएम का चीनी मीडिया मुरीद,
शायद पढ़ यह खबर रहा है मना आज यह ईद.

कर चोरी के पहलू पर स्विस कोर्ट का पढ़ा होगा आदेश, 
बैंक खातों का हाल बताएं भारत को स्विस बैंक.

या फिर उसने पढ़ ही लिए होंगे कुछ अच्छे ब्लॉग,
इसीलिए यह नाच रहा है झूम-झूमकर आज.

कारण चाहे जो भी हो लगा इसका झूमना प्यारा,
तभी लग रहा है खिला-खिला सा मन हो मगन हमारा.

ऐसे ही तुम रहो झूमते फूल गुलाब के प्यारे,
यों भी तुम राजा हो सुमन के लगते हरदम न्यारे.

झूम-झूमकर नाच रहा है ये गुलाब का फूल,
आज बहुत कुछ बांच रहा है ये गुलाब का फूल.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “ये गुलाब का फूल

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत सुन्दर कविता लीला बहन . गुलाब के फूल की ओर से बहुत कुछ पता चला .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको ब्लॉग बहुत अच्छा लगा. गुलाब के पास बैठो तो बहुत कुछ बता देता है. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद

  • लीला तिवानी

    फूलों-कलियों-पक्षियों-नदियों-हवाओं आदि सबको अच्छी-बुरी खबरें प्रभावित करती हैं. उसी के मुताबिक वे हमें भी प्रभावित करते हैं.

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