लघुकथा

राज़

”मैं फिर शादी करूंगा.” उसने चहककर कहा था.
”क्या मतलब? तुम्हारी शादी हो गई है?” साक्षात्कर्त्ता का लहजा आश्चर्य से पूर्ण था.
”शादी! अम्मा एक नहीं, 39 शादियां की हैं मैंने.” नेत्र विस्फारित करते हुए जिओना ने कहा.
”यानी शादी करते गए, छोड़ते गए?”
”छोड़ते गए का क्या मतलब! हम सब साथ रहते हैं.” 
”हम सब का मतलब?”
”मैं. 39 पत्नियां, 94 बच्चे, 14 बहुएं और 33 पोते-पोतियों के अलावा एक नन्हा पड़पोता भी.” 
”एक ही घर में! फिर तो लड़ाई भी खूब होती होगी?”
”जी नहीं, मिजोरम की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बटवंग गांव में 100 कमरों के घर में हम सब एक साथ बड़े प्यार से रहते हैं.”
”वो कैसे?”
”हमारे डाइनिंग हॉल में 50 टेबल लगे हैं. मेरी पत्नियां खाना बनाती हैं तो बेटियां घर का काम देखती हैं. खाने की टेबल पर मैं अपनी सबसे युवा पत्नियों के साथ बैठता हूं. बुजुर्ग पत्नियां अपने आप दूर दूसरे हिस्सों में बैठती हैं और युवा पत्नियों के लिए रास्ता खाली कर देती हैं.”
”आप अपने भोजन के बारे में कुछ बताएंगे?”
”जरूर. हमारे एक दिन के भोजन में चावल 40 किलो, 40 मुर्गियां, 24 किलो दाल, 50 किलो सब्जियां इस्तेमाल होती हैं. अगर परिवार का मन बीफ खाने का हो, दिन में 10 बड़े जानवर तो लग ही जाते हैं.”
”आप तो महाराजा हुए साहब!” साक्षात्कर्त्ता ने कहा.
”सही कह रहे हैं आप. वैसे तो मैं व्यवसाय से अपने बेटों के साथ बढ़ई का काम करने वाला हूं, पर मैं खुद को किसी किंग से कम नहीं समझता. यही वजह है कि मैंने ग्राउंड फ्लोर पर अपनी कई भव्य तस्वीरें लगाई हैं. मेरी सबसे युवा बीवी 33 साल की सिमथांगी है. उसके साथ मेरी शादी 2000 में हुई थी. सभी पत्नियां 100 कमरों में बने 5 डॉर्मेट्री में सोती हैं. मेरे पास किंग साइज डबल बेड का रूम है, जिसमें मैं अपने साथ सोने के लिए रोज एक पत्नी चुनता हूं.” 
”अब आपकी क्या योजना है?”
”वही कि मैं फिर शादी करूंगा, अगर भगवान की मर्जी हुई तो!”
”माशाअल्लाह, आप तो अभी भी युवा दिख रहे हैं. आपके चिर यौवन का राज़?”
”मेरे चिर यौवन का राज़ है संयम. खाना-पीना-जगना-सोना सब संयम से.
गीता में भी कहा गया है-
युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु। 
युक्तस्वप्रावबोधस्य योगो भवति दुःखहा॥”

”39 नारियां, 94 बच्चे और संयम!” साक्षात्कर्त्ता का विस्मयकारी प्रश्न था.
”भाई, हमारे शरीर मे 16108 नाड़ियां हैं, अगर इनमें संयम रह पाए, तो यह संयम ही स्वस्थ जीवन का राज़ बन जाता है.” जिओना का संयत का जवाब था.

इसके बाद साक्षात्कर्त्ता के पास पूछने को कुछ शेष नहीं था.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “राज़

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    ha ha amazing .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, आप सोच रहे होंगे, कि 39 पत्नियां, 94 बच्चे और संयम? भाई, हमारे शरीर मे 16108 नाड़ियां हैं, अगर इनमें संयम रह पाए, तो यह संयम ही स्वस्थ जीवन का राज़ बन जाता है. इसी तरह जिओना के 39 पत्नियां, 94 बच्चे फिर भी संयम उनके सुखी-स्वस्थ जीवन का राज़ है. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

      संयम जीवन का सबसे बड़ा राज़ है,
      संयम ही पहनाता सिर पर सफलता का ताज है,
      संयम से लहराता है आनंद का सागर,
      संयम का सारी दुनिया पर राज है.

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