कविता

आजादी….

बड़े संघर्षों की है ये आजादी
वीर सपूत बलिदानों की है आजादी
सत्य अहिंसा का एक पुजारी
कस ली कमर, ठान ली
हिन्दोस्तां को दिलानी है आजादी

लंबा संघर्ष, रैलियां, अनसन और
आंदोलन को बना हथियार
ऐसी नीति पर चलकर, अंग्रेजों को दिया धकेल

भारत छोड़ने पर कर दिया मजबूर
गुलामी की तोड़ी जंजीर,दिला दी हमें आजादी
आसान नहीं ये गाथा इतनी
बहुतों ने दी है बलिदानी

कई नेता, कई वीर हुए, जाने कितने शहीद हुए
छक्के छुड़ाए अंग्रेजों के
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार हुआ
आंदोलन कई बार हुए

असहयोग और सविनय अवज्ञा से अंग्रेज परेशान हुए
अंग्रेजी कानूनों का विरोध किया
जनसभाओं, रैलियों की रेल चली
गोलियां चली, अमृतसर की घरती लाल हुई

विश्वयुद्ध भी थोपे हमपर
युद्ध की आग भी झोंके हमपर
हुए न विचलित
संघर्षरत क्रांतिकारी दल लाल-बाल-पाल हुए
खुदीराम, भगत सिंह, सुखदेव, अशफाक के
गौरव गाथा से हम मालामाल हुए

सुभाषचंद्र बोस सिपाही के सिरमौर हुए
अंग्रेजों से लोहा लेते लेते जाने कितने लहू-लुहान हुए
शहीदों के खून से धरती लाल हुई
तब कहीं जाकर तिरंगे को आसमान मिली

जय हिंद

*बबली सिन्हा

गाज़ियाबाद (यूपी) मोबाइल- 9013965625, 9868103295 ईमेल- [email protected]

One thought on “आजादी….

  • बलराम निगम

    बड़े संघर्षो की है ये आजादी।बहुत शानदार रचना ।बधाई

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