परम आदरणीय अटल बिहारी बाजपेयी जी को समर्पित शब्द सुमन…
अटल क्यूँ मौत होती है मौत भी आज है रोई।
बिलखती भारती माँ है लेखनी मौन हो सोई।
बड़ा गमगीन है सारा
यहाँ अभिसार भारत का।
तिरंगे झुक गए पल को
गृह अंधियार भारत का।
समय के मोड़ पर आकर दगा दे ज़िंदगी खोई।
अटल क्यूँ मौत होती है मौत भी आज है रोई।
भाल पर भारती के तुम
“अटल” अद्धभुत सितारा थे।
काव्य अविरल प्रवाहित था
कवित का वो किनारा थे।
कहाँ अंकित हुआ करते जन्मता रोज है कोई।
अटल क्यूँ मौत होती है मौत भी आज है रोई।
“लौट के आऊँगा मैं तो
कूच से क्यूँ डरूँ” कहकर।
चले तुम तो गए हो बस
समय के साथ में बहकर।
प्रतीक्षारत ज़माना है नही तुमसा कोई गोई।
अटल क्यूँ मौत होती है मौत भी आज है रोई।
अनहद गुंजन अग्रवाल 💐