ब्लॉग/परिचर्चा

यादगार जन्मदिन

यों तो हमारा जन्मदिन आज है, पर कल रविवार होने के कारण दोपहर से ही घर पर बच्चों का मेला लगा रहा. सबकी स्कूल-कॉलेज-ऑफिस की छुट्टी होने के कारण बिटिया भी सपरिवार बेटे के घर आ गई थी. रात को सबने मिलकर खाना खाया. बच्चे खुश होकर कह रहे थे, आज तो पार्टी लग रही है. बिटिया ने कहा- ममी की बर्थडे ईव की पार्टी है. सचमुच मेला-सा लग गया था. ऐसा ही एक यादगार जन्मदिन सुबह सैर करते-करते मना था. कुछ साल पहले हम चार सहेलियां सुबह की सैर कर रहे थे. बात करते-करते मैंने सबको टॉफियां देते हुए बताया, कि आज मेरा जन्मदिन है. बाकी की बातें कविताओं में-

 

         इन्द्रधनुष था हाथ में आया – जन्मदिन मुबारक

 

जन्मदिवस की पावन वेला, मन में था खुशियों का मेला. 
सखियों ने वह रंग जमाया, इन्द्रधनुष था हाथ में आया.

एक सखी ने लाल फूल दे, मुझ पर प्रेम-प्यार दर्शाया. 
उन फूलों ने उस पल मेरे, मन का आनंद और बढ़ाया.

एक सखी ने श्वेत सुमन दे, अपना पावन दिल दिखलाया. 
उन फूलों ने उस पल मेरे, मन को पावन और बनाया.

एक सखी ने सुमन गुलाबी, देकर मन को मस्त बनाया. 
उन फूलों ने उस पल मेरे, इन्द्रधनुष को और सजाया.

एक सखी ने पीले फूल दे, मन में मानो जादू जगाया. 
उन फूलों ने उस पल मेरे, मन को साहस से सरसाया.

आसमान का इन्द्रधनुष तो, होता बस पल भर की माया. 
फूलों के उस इन्द्रधनुष ने, कई दिनों तक मुझे लुभाया.

सखियों ने वह रंग जमाया, इन्द्रधनुष था हाथ में आया, 
इन्द्रधनुष था हाथ में आया, इन्द्रधनुष था हाथ में आया
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                  शहनाई-से पीले फूल

खुशियों की पांखें ले आए, शहनाई-से पीले फूल, 
जन्मदिवस का तोहफ़ा लाए, शहनाई-से पीले फूल.

मन में तरल तरंगें लाए, शहनाई-से पीले फूल, 
सागर जैसी उमंगें लाए, शहनाई-से पीले फूल.

आनंद की बगिया ले आए, शहनाई-से पीले फूल. 
सद्भावों का सागर लाए, शहनाई-से पीले फूल.

सांसों की सरगम सरसाएं, शहनाई-से पीले फूल. 
सखियों का तन-मन हर्षाएं, शहनाई-से पीले फूल.

यादों के पल फिर ले आए, शहनाई-से पीले फूल. 
कैसे-कैसे रंग दिखाएं, शहनाई-से पीले फूल.

सूरज जैसे दम-दम दमकें, शहनाई-से पीले फूल. 
चंदा चम-चम चमकें, शहनाई-से पीले फूल.

मन में साहस-तेज जगाएं, शहनाई-से पीले फूल. 
पीताम्बर की झलक दिखाएं, शहनाई-से पीले फूल.

खुशियों की पांखें ले आए, शहनाई-से पीले फूल, 
जन्मदिवस का तोहफ़ा लाए, शहनाई-से पीले फूल.

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सुबह उठते ही बेटे-बहू का बहुत सुंदर शुभकामना-संदेश मिला-

जन्मदिन मुबारक आपको, करते हैं कामना।
खुशियों और सुस्वास्थ्य से सदा रहे सामना।।
रहे हमेशा आपका हाथ सर पर हमारे।
करते हैं प्रभु से बस यही प्रार्थना।।

।-। हैप्पी बर्थडे मम्मी ।-।

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “यादगार जन्मदिन

  • ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

    खुशियाँ मिलें
    जैसे आसमां-तारें
    न कभी हारें.

    जन्मदिन की हार्दिक बधाई.

  • लीला तिवानी

    अनेक पाठकों के बहुत सुंदर शुभकामना-संदेश मिले हैं. सबको हमारी तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद. इंग्लैंड से गुरमैल भाई जी ने हमारे जन्मदिन पर एक हाइकु लिख भेजा है-

    मुबारक हो
    जन्मदिन की वेला
    मंगल मेला.

    प्रिय गुरमैल भाई जी, आपने तो कुछ ही शब्दों में बहुत कुछ कह दिया. आपके उद्गार हमारे लिए आशीर्वचन हैं. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया. अभी-अभी राजकुमार भाई का बहुत खूबसूरत ब्लॉग भी देखा. सबको हमारी तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद.

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