गणपति-वंदन
गणेश चतुर्थी पर विशेष
1.गणपति-गणदेव वंदन प्रेम से स्वीकृत करो,
फूल-से कोमल ह्रदय को प्रेम से वर्धित करो.
2.हम तो हैं संतान तेरी तू पिता संसार का,
दे रहा उपहार पल-पल तू हमें भी प्यार का.
3.करता है उपकार सब पर करुणा हर पल कर रहा,
आ गया जो पास तेरे उसकी झोली भर रहा.
4.ध्यान तेरा जो करे तेरा प्रभु हो जाएगा,
तेरा चिंतन जो करे चिंता-रहित हो जाएगा.
5.चाहते हरदम तुम्हारे नाम से ही प्यार हो,
ध्यान ही मंज़िल हमारी ध्यान ही उपहार हो.
6.ऐसे ही हर सांस में सबके समाना हे प्रभु,
अपने चरणों में मुझे हर पल रमाना हे प्रभु.
(तर्ज़-यज्ञ-रूप प्रभो हमारे भाव उज्जवल कीजिए———–)
आप सबको गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं.