अन्य लेख

मूषक महाराज

भले ही गणेशजी का वाहन मूषक बहुत ही छोटा हो लेकिन भगवान ने उसके गुणों को देखकर उसे अपने वाहन के रूप में चुना है. गणेशजी विद्या और बुद्धि के अधिष्‍ठाता हैं और तर्क-वितर्क में बेजोड़ हैं. यही गुण चूहे में भी माने जाते हैं। इस कारण उन्‍होंने मूषक को अपना वाहन चुना है. आप जानते ही हैं, कि मूषक महाराज जी को चूहा भी कहा जाता है.

चूहों ने गिरा दी तीन-मंजिला इमारत, वायरल हो रहा है वीडियो

एक छोटा सा चूहा खेत की सैकड़ों एकड़ की पसल को तबाह कर देता है. बांध में सुराख कर बाढ़ जैसी तबाही ला देता है, लेखकों की पांडुलिपियां कुतरकर बरसों की मेहनत पर पानी फेर देता है, ए.टी.एम. में घुसकर नोट कुतर देता है इस बार तो चूहा ने ऐसा कारनामा किया कि जो आप सोच भी नहीं सकते पर यह सच है कि चूहों ने तीन-मंजिला इमारत को जमींदोज कर दिया. घटना आगरा के भीड़-भाड़ वाले इलाके में महाकामेश्वर मंदिर के पास की है. छोटे चूहों का बड़ा कारनामा देश के आगरा शहर में देखने को मिला. कुछ ऐसा हुआ कि ताज नगरी कहे जाने वाले शहर आगरा में एक मकान पलक झपकते ही गिर गया. इस घटना के बाद किसी को भी क्षति पहुंचने की कोई खबर नहीं है.

चूहों के जोक्स
शादी की एक पार्टी में चंदू चूहे ने चार पैग लगा लिए और खुद को बहुत बलशाली समझने लगा. 
यह देखकर पास खड़ी बिल्ली बोली- आज अगर पार्टी ना होती तो मैं तुझे खा जाती. > ….. > ….. 
चंदू चूहा गुर्राकर बोला- ओए ऽऽऽ, चल चला जा जा यहां से…,

….वर्ना लोग कहेंगे कि शराब पीकर औरत को पीट दिया.

 

 

एक ही पंडाल के नीचे आरती और अजान
इस साल गणेशोत्सव और मुहर्रम एक साथ है. इस अवसर पर ठाणे के मुस्लिम बहुल मुंब्रा में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिल रही है. एक ही मंडप की छत के नीचे एक तरफ गणेश भगवान की आरती होती है, तो दूसरी तरफ मुहर्रम की मजलिस सजी है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “मूषक महाराज

  • लीला तिवानी

    महाराजपुरा गांव में चार बच्चों की मौत से शोक छा गया। बच्चों की जरा सी लापरवाही ने तीन घरों की खुशियां छीन लीं। बच्चों के परिजन बिलख रहे थे। बार-बार बस एक ही बात कह रहे थे- काश! बच्चे एक बार बता देते कि वो गड्ढे में गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए जा रहे हैं। अगर पता होता तो कभी अकेला नहीं जाने देते। अत्यंत दुःखद घटना.

Comments are closed.