लघुकथा – आचार-संहिता
नेताजी ने एक आवश्यक बैठक में अपने सभी कार्यकर्ताओं को बुलाया और कहा- वैसे आप सबको पता होगा ही फिर भी मैंने आपको यहाँ एक अरुचिकर सूचना देने के लिए बुलाया है । प्यारे कार्यकर्ताओं पिछले कल से चुनाव आयोग ने ‘आचार-संहिता’ लगा दी है । अब हमें आचार-संहिता का पालन करना होगा, जो हमारी आदत में नहीं है । पर ये आचार-संहिता का डंडा रहता कितने दिन है इसके बाद तो हम अपना मन चाहा करते ही हैं । मुझे विश्वास है आप लोग इस घड़ी में धैर्य से काम लेंगे । सभी कार्यकर्ताओं ने मुस्कराकर तालियां बजाई और सभा स्थगित कर दी गई ।
— व्यग्र पाण्डे