माँ का आशीष लेता चल…..
रुक न तू अकेला दौड़ता चल
मंज़िल तुझको मिल जाएगी
बस तू सपने देखता चल
न गौर कर नाकामियों पर
बस तू आगे बढ़ता चल
है जुनून यदि तेरे दिल मैं
बस नया इतिहास रचता चल
दुनिया भी मुट्ठी मैं होगी
हर मोड़ पर मुस्कराता चल
नही रोक पायेगा कोई
दृढ़ विश्वास से चलता चल
छुओगे बुलंदिया एक दिन
अपने आप को संजोता चल
होगा नाम रोशन तेरा
माँ का आशीष लेता चल
– रमाकान्त पटेल