तिवारी जी टकरा गए
रोज की तरह आज फिर तिवारी जी सुबह-सुबह टकरा गए। बोले- जजमान! घोर अनर्थ हो गया ! क्या हुआ तिवारी जी! मैंने आश्चर्य से पूछा। जजमान ! रात को न्यूज में देखा कि सीबीआई ने अपने ही अफसर के यहाँ छापा मारा। मैं भी हास्य के मूड में था। मैंने कहा- इसमे आश्चर्य की कौन सी बात है तिवारी जी! इसका तो अपने देश मे चलन ही शुरु हो गया है। जब न्यायपालिका अपने ही मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ मुखर है, तो सीबीआई की क्या बिसात?
आपने सही कहा जजमान! जनता का माई-बाप ही जनता से न्याय की भीख माँग रहा हो तो जनता उनसे न्याय की उम्मीद कैसे कर सकती है ? वैसे ये देश की एकमात्र संवैधानिक संस्था है जिसपर थोड़ा बहुत विश्वास किया जा सकता है। न्याय देर से मिले लेकिन मिल तो जाता ही है।
हाँ तिवारी जी ! विशिष्ट लोगों को कुछ जल्दी ही मिल जाता है। उनके लिए तो आधी रात को भी कोर्ट रूम खुल जाता है।
खैर छोड़िये इन बातों को जजमान! ये बताइये “मीटू अभियान” कैसा चल रहा है।
“मीटू अभियान” तो अपने पूरे शबाब पर है। बड़े-बड़े खिलाड़ी इस गुगली पर पवेलियन जा चुके हैं। सतर्क रहियेगा कहिं आप भी………..।
अब इस उम्र में कोई क्या तोहमत लगाएगा मियाँ!
तिवारी जी! अक्सर पुरानी गेंदे ही “रिवर स्विंग” करती है। आप अनूप जलोटा को ही देख लो! रही बात “मीटू” की तो 40 प्लस वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। आप तो खुद समझदार हैं। इतना सुनते ही तिवारी जी अपना गला छुड़ाने के उद्देश्य से बोले- जजमान! भजन कीर्तन का समय हो गया है। अब मैं जा रहा हूँ।
जाइये जाइये तिवारी जी! भजन कीर्तन करनेवालों के अब अच्छे दिन आने वाले हैं।
अरे जजमान पूजा के लिए लेट हो रहा हूँ, कल बात करते हैं। अरे तिवारी जी शेर तो सुनते जाईये:-
तोहमत लगाने के लिए ही बने हैं लगाए कोई
अब तो मेरे अच्छे दिन लाए कोई
— कन्हैया सिंह “कान्हा”
नवादा, छपरा, बिहार