लघुकथा

लघुकथा – आह वर्तमान !

“बड़े उपदेशक बने फिरते हो! आज के युग मे ऐसी बातें कौन करता है! तुम संन्यासी हो संन्यासी। आज के बच्चे तुम्हारी तरह पुराने ख्यालात बाले नहीं है। आज के बच्चे हैं कोई मज़ाक नहीं। उनकी अपनी  निजी ज़िन्दगी ! तुम करते क्या हो ? तुम्हारा कोई अधिकार नहीं है बच्चों से कुछ कहने का। बाप ही तो हो कोई एहसान है क्या? गलत नहीं लगता  तुम्हें बच्चों को सही राह दिखाना।”
कहते हुए रीमा ने अपने पति के सर से घाव का निशान पोंछा, जो अभी कुछ देर पहले बेटे ने थप्पड़ मारकर दिया था। शेखर  का घाव उतना दर्द नहीं दे रहा था जितना उसके अंदर के दर्द ने आज उसको दिया था, शेखर के घाव देखकर रीमा की आंखों से गंगा बह निकली।
विनय भारत शर्मा

भारत विनय

नाम- विनय कुमार शर्मा सहित्यिक नाम – भारत विनय जन्म तिथि -11 मार्च 1992 पता- जयपुर राजस्थान स्थायी पता- गंगापुर सिटी ईमेल- kavibharatvinay@gmail.com शिक्षा - आचार्य ,शिक्षा शास्त्री (एम.ए ,बी.एड ), व्यवसाय - वरिष्ठ अध्यापक - हिंदी - संस्कृत व्याकरण,व,साहित्य साहित्यिक परिचय- - .कवि - भक्ति रस और शृंगार रस कृतियाँ- 1. बात कुछ तो है...प्रेम काव्य संग्रह(किताब गंज प्रकाशन, देहली) 2. अब कह भी दूँ( काव्य संग्रह ) (किताबगंज प्र.) आगामी उपन्यास - लव इन बी.एड. अनेक पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित संस्था संचालन - साहित्य क्रांति परिषद