गीत/नवगीत

गीत

घुस पाक सरहद में गए थे शेर हिन्दुस्तान के।

कर स्वप्न चकनाचूर आए नीच पकिस्तान के।।

जो फन उठाए नाग उसका फन कुचलना चाहिए।
हर वक्त छाती पर नहीं यूँ मूँग दलना चाहिए।
है सार गीता का यही पावन वचन भगवान के।
घुस पाक सरहद में गए थे शेर हिन्दुस्तान के।।
आतंकवादी भेजता लेकिन नहीं स्वीकारता।
शेखी बघारे रोज वो निर्लज्जता सिर धारता।
आदेश पा सैनिक उड़ाए परखचे शैतान के।
घुस पाक सरहद में गए थे शेर हिन्दुस्तान के।।
जो धैर्य का घट भर गया तो फिर चढ़ाई कर दिए।
भाषा समझता जो उसी में खूब फिर उत्तर दिए।
अब तक न सुधरे नित्य कुत्ते भौंकते इमरान के।
घुस पाक सरहद में गए थे शेर हिन्दुस्तान के।।
पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’

पीयूष कुमार द्विवेदी 'पूतू'

स्नातकोत्तर (हिंदी साहित्य स्वर्ण पदक सहित),यू.जी.सी.नेट (पाँच बार) जन्मतिथि-03/07/1991 विशिष्ट पहचान -शत प्रतिशत विकलांग संप्रति-असिस्टेँट प्रोफेसर (हिंदी विभाग,जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट,उत्तर प्रदेश) रुचियाँ-लेखन एवं पठन भाषा ज्ञान-हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी,उर्दू। रचनाएँ-अंतर्मन (संयुक्त काव्य संग्रह),समकालीन दोहा कोश में दोहे शामिल,किरनां दा कबीला (पंजाबी संयुक्त काव्य संग्रह),कविता अनवरत-1(संयुक्त काव्य संग्रह),यशधारा(संयुक्त काव्य संग्रह)में रचनाएँ शामिल। विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। संपर्क- ग्राम-टीसी,पोस्ट-हसवा,जिला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)-212645 मो.-08604112963 ई.मेल[email protected]