पल पल मिलता दर्द
कभी तपिश, कभी बारिशें,और कभी मौसम सर्द ।
ऋतुएँ बदलें, जीवन वही, पग पग मिलता दर्द ।।
व्यथित मन में गूँजा किए , कुछ मौन के संवाद ।
ख़त्म कब हो जीवन दिवा,कब जुड़ेंगे? बिखरे हर्फ़।।
कभी तपिश, कभी बारिशें,और कभी मौसम सर्द ।
ऋतुएँ बदलें, जीवन वही, पग पग मिलता दर्द ।।
व्यथित मन में गूँजा किए , कुछ मौन के संवाद ।
ख़त्म कब हो जीवन दिवा,कब जुड़ेंगे? बिखरे हर्फ़।।