लघुकथा

लघुकथा – समन्यु

आज सुबह-सुबह अपने कमरे की खिड़की से ऑस्ट्रेलिया की हरियाली का सुंदर नजारा देखा. यूं तो यह नजारा रोज ही ऐसा होता है, लेकिन भीगी-भीगी ओस में भीगी-भीगी हरियाली का रंग कुछ और गहरा गया था, लग रहा था आज दिन बहुत सुहाना होगा. सचमुच दिन सुहाना हुआ. तभी एक समाचार पढ़कर मन भी सुहाना हो गया. समाचार था-
”ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी चढ़ा तेलंगाना का 8 साल का बच्चा”
समाचार पढ़ते ही दिल खुश हो गया. ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी यानी kosciuszko. आठ साल का बालक समन्यु साहस का पर्याय बन गया है.
समन्यु पोतुराजू ने पांच सदस्यों की अपनी टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट कॉस्किओस्को पर तिरंगा फहराकर भारत का नाम रोशन किया है। खास बात यह है कि समन्यु की टीम में उनकी मां लावण्य और उनकी बहन भी शामिल हैं. यह सफलता उन्होंने 12 दिसंबर को प्राप्त की. इस सफलता से समन्यु बेहद उत्साहित हैं और अपनी मां को मानते हैं अपना प्रेरणास्रोत.
समन्यु की यह कोई पहली सफलता नहीं है. इससे पहले वह तंजानिया के माउंट किलिमंजारो को भी फतह कर चुके हैं, जिसके साथ ही उन्होंने इस पर्वत पर चढ़ने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बनने का तमगा हासिल किया था. माउंट किलिमंजारो अफ्रीका का सबसे ऊंचा पर्वत है.
चार पर्वतों को अब तक फतह कर चुके समन्यु जापान के माउंट फूजी पर चढ़ाई की तैयारी कर रहे हैं. उनका सपना पायलट बनना है.
सहसा मुख से निःसृत हुआ- समन्यु: The great climber.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “लघुकथा – समन्यु

  • लीला तिवानी

    राह संघर्ष की जो चलता है,
    वो ही संसार को बदलता है,
    जिसने रातों से जंग जीती,
    सूर्य बनकर वही निकलता है.
    ये पंक्तियां शायद समन्यु के लिए ही लिखी गई हैं.

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