स्वास्थ्य

हाथों को शक्तिशाली बनाने वाले व्यायाम

हाथ हमारे शरीर के सबसे अधिक सक्रिय और उपयोगी अंग होते हैं। हम अपने सभी कार्य हाथों से ही करते हैं। शायद इसीलिए हाथ का एक पर्यायवाची शब्द “कर” भी है।

हमारे अन्य अंगों की तरह हाथ भी अधिक कार्य करने से थक जाते हैं। उदाहरण के लिए, परीक्षा में लिखते-लिखते हमारे हाथ की उँगलियों और कलाई में दर्द होने लगता है। इसी तरह जो लोग कम्प्यूटर पर दिन भर कार्य करते हैं, उनके हाथों में भी दर्द होने लगता है। विशेष रूप से वे तर्जनी उँगली से माउस का बटन दबाते रहते हैं, जिससे इस उँगली से जुड़ी नस में उँगली से लेकर कोहनी और उससे भी आगे तक सूजन और दर्द की शिकायत हो जाती है।

इन समस्याओं का समाधान हाथों के नियमित व्यायामों से किया जा सकता है। हाथों के विभिन्न भागों के लिए उपयोगी व्यायाम यहाँ बताये जा रहे हैं।

उँगलियाँ
1. दोनों हाथ आगे करके उँगलियों को फैला लीजिए। अब उँगलियों की हड्डियों पर जोर डालते हुए धीरे-धीरे मुट्ठी बन्द कीजिए और झटके से खोलिए। मुट्टी बन्द करते समय एक बार अँगूठा बाहर रहेगा और एक बार भीतर। ऐसा 10-10 बार कीजिए।
2. दोनों हाथों की उँगलियों के सम्बंधित पोरों को मिलाइए। अब उन पोरों को दबाइए। ऐसा करते हुए उँगलियों को फैलने दीजिए।
3. नाख़ून की ओर से हथेली की ओर एक-एक करके सभी उँगलियों की मालिश कीजिए। 
4. इसी तरह उँगलियों के बीच के स्थान की मालिश कीजिए।

हथेली
1. दोनों हाथों से १०० बार ताली बजाइए। ताली बजाते समय हथेली से हथेली, उँगली से उँगली और अँगूठे से अँगूठा टकराना चाहिए। 
2. किसी भीगे तौलिये को ख़ूब निचोड़िए। 
3. किसी मोटे गत्ते या अख़बार को हाथों से फाड़िए।

कलाई

1. दोनों हाथ आगे करके हथेलियों को फैला लीजिए और उँगलियों को मिला लीजिए। अँगूठा भी उँगलियों से चिपका रहेगा। अब हथेली को खड़ा रखते हुए भीतर की ओर कलाई पर से मोड़िये। फिर पूर्व स्थिति में आकर बाहर की ओर मोड़िए। ऐसा दोनों ओर 10-10 बार कीजिए। 
2. दोनों मुट्ठियाँ बन्द कर लीजिए। अँगूठा भीतर रहेगा। कलाई को स्थिर रखकर मुट्ठियों को गोलाई में सीधा 10 बार घुमाइए। इसी प्रकार 10 बार उल्टी दिशा में घुमाइए।

कोहनी
1. दोनों हाथ सामने करके हथेलियों को ऊपर की ओर खोलकर फैला लीजिए। उँगलियाँ और अँगूठा चिपके रहेंगे। अब हाथ को सीधा रखकर झटके से कोहनी पर से मोड़ते हुए उँगलियों से कंधों को छूइए। फिर खोल लीजिए। ऐसा 10-10 बार कीजिए।
2. यही क्रिया हाथों को दायें-बायें फैलाकर 10-10 बार कीजिए।
3. यही क्रिया हाथों को ऊपर खड़ा करके 10-10 बार कीजिए।

कंधे
1. सीधे खड़े हो जाइए। बायें हाथ की मुट्ठी बाँधकर हाथों को गोलाई में 10 बार धीरे-धीरे घुमाइए। घुमाते समय झटका मत दीजिए और कोहनी पर से हाथ बिल्कुल मत मुड़ने दीजिए। अब 10 बार विपरीत दिशा में घुमाइए। 
2. यही क्रिया दायें हाथ से 10-10 बार कीजिए। 
3. अन्त में दोनों हाथों को इसी प्रकार एक साथ दोनों दिशाओं में 10-10 बार घुमाइए।

हाथों के ये व्यायाम नियमित करने से आपके हाथ शक्तिशाली बनते हैं। कभी काम करते करते हाथ के किसी भाग में दर्द होने पर सम्बंधित भाग के व्यायाम करके सरलता से उस दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है और पुन: काम प्रारम्भ किया जा सकता है।

विजय कुमार सिंघल
मार्गशीर्ष शु १४, सं २०७५ वि (२१ दिसम्बर २०१८)

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com

One thought on “हाथों को शक्तिशाली बनाने वाले व्यायाम

  • लीला तिवानी

    प्रिय विजय भाई जी, एक और अत्यंत उपयोगी स्वास्थ्य लेख के बधाई. सभी व्यायाम सरल भी हैं और स्वास्थ्यकारी भी.

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