नववर्ष
बस कुछ पल और…
बदलेगा वक्त ।
यह वर्तमान…
समय सीमा को लाँघ,
बन भूतकाल,
बढ़ आगे …
कर रहा है स्वागत
“नववर्ष का” ।
चलो हम सब भी,
भूल कड़वी यादें,
करें स्वागत..
अपनों का,
नये सपनों का।
मुस्कुराती धूप का,
भाग्य के स्वर्णिम रुप का ।
इस शुभ बेला पर मैं,
दे रही हूँ सबको,
स्नेहिल दुआएँ,
कि आओ मिल,
खुशियों भरा
नववर्ष मनाएँ ।
अंजु गुप्ता