लघुकथा

लघुकथा – इतिहास-सृजन

आज हमने एक समाचार पढ़ा-
”India vs Australia: अग्रवाल ने डेब्यू पर जड़ी हाफ सेंचुरी, रचा इतिहास”
समाचार पढ़कर जानकारी हुई कि मयंक अग्रवाल ने मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में शानदार हाफ सेंचुरी लगाई है. 1947 के बाद यह पहला मौका है जब भारत के किसी खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू करते हुए हाफ सेंचुरी लगाई है. ऐसे इतिहास अक्सर बनते रहते हैं. हम सोचते हैं, कि इतिहास मिनटों में बन गया. वास्तव में देखा जाए, तो इस इतिहास के पीछे मयंक की, उसके अभिभावकों की, उसके कोच की कितनी लंबी, बड़ी व कठिन साधना है. देश के इतिहास के बारे में भी अक्सर हमारी यही सोच होती है, कि इतिहास एंवै ही बन जाता है. वो तो कल गुरमैल भाई का लंबा-सा पत्र आया, तो पता चला कि इतिहास का एक पन्ना जुड़ने-जोड़ने में कितनी मशक्कत करनी पड़ती है!
”लीला बहिन, हमारी जिंदगी के बारे में एक बात अब और ऐड हो गई है. यहां (यू.के.) की हुकूमत ने पुराने आए एशियन लोगों के इतिहास के बारे में पिछले साल एक प्रोजेक्ट शुरु किया था, जिस में कुछ लोगों की जिंदगी के बारे में जानना था. इनमें हमको भी चुना गया और हम लोगों के इतिहास की फोटोग्राफी करने के लिए एक लड़की इंडिया से भी आई थी. उसने दो बार हमारे घर आकर हमसे इंडिया में बीती जिंदगी के बारे में इन्टरव्यू भी लिया और हमारे फोटो भी लिए थे. उस लड़की को मैंने अपनी कहानी की सारी ई.बुक्स ईमेल कर दी थी. उसके अनुसार वह कुलवंत के गाँव और हमारे गाँव भी होकर आई थी. जहां-जहां मेरा और कुलवंत का मिलन हुआ था, वहां होकर आई थी और जो कहानी में मैंने अपने बचपन के मास्टर बाबूराम के बारे में लिखी थी, उसके लड़के रामस्वरूप से भी वह मिलकर आई थी और उस की फोटो भी मुझे भेजी थी. हमारे पुराने घर की फोटो भी बाहर से उसने ली थी. उसने लिखा था कि जहां पहली बार मैं और कुलवंत मिले थे, वह जगह बहुत कुछ बदल गई है, लेकिन पोस्ट ऑफिस अभी भी वहां है. दिल्ली में भी उसने किसी आर्ट गैलरी में यहां की फोटो लगाई थी, लेकिन मुझे पता नहीं वह कौन सी गैलरी है, जरूर उन फोटो में हमारी फोटो भी होगी.”
कल को जब इतिहास का जिक्र होगा, तो गुरमैल भाई का नाम भी इतिहास में दर्ज होगा. इतिहास सृजन के लिए सरकारों का सहयोग कितना आवश्यक है, यह भी गुरमैल भाई के पत्र से जानकारी मिली.
गुरमैल भाई जी, इतिहास सृजन में आपकी भागीदारी हमारे लिए भी गर्व और गौरव की बात होगी.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “लघुकथा – इतिहास-सृजन

  • लीला तिवानी

    प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि भारतीयों के इतिहास का सृजन करने के लिए आपके नाम का चयन हुआ. यह भी अच्छा ही हुआ, कि आपने तसल्ली से अपनी आत्मकथा लिखकर रखी थी, जो उसको तुरंत भेज दी और वह आपके बताए स्थानों की खोज-खबर भी ले आई. इतिहास-सृजन में आपकी भागीदारी हमारे लिए भी गर्व और गौरव की बात होगी. हमारी तरफ से आपको कोटिशः बधाइयां और शुभकामनाएं.

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