नव वर्ष का नव प्रभात
नव वर्ष का नव प्रभात है
खुशियाँ आने की आहट है।
भारतीयों के तन मन में
माँ की रक्षा बड़ी चाहत है।
नया सवेरा नई उमंग है
जीवन में उज्ज्वल तरंग है।
नई उड़ान की चाहत में
पंख फैलाए खड़े विहंग हैं।
नव प्रभात की नव किरन है
भूले बिछड़ों का मिलन है।
सूरज चांद सितारे सब में
नई उर्जा नया प्रसंग है।
वन उपवन में नई महक है
पक्षियों में नई चहक है।
नई कलियों के खिलने में
नव उत्साह नव चमक है।
नव कार्यों में नव जोश है
नव युवा में नव होश है।
बुद्धि विवेक लेकर साथ में
नव भारत का नव कोष है।
— निशा नंदिनी
तिनसुकिया, असम