तीन तोते
रंगबिरंगे तोते तीन,
बजा रहे थे सीख की बीन,
नये साल ने दस्तक दे दी,
सीख लो अच्छी बातें तीन.
पहला तोता बोला सुन लो,
मत करना ”ना” ”नहीं” का प्रयोग,
”ना” कहने से नकारात्मकता उपजे,
सकारात्मकता का बने न योग.
सकारात्मकता जीवन का सार,
उत्तम ऊर्जा से करे भरपूर,
इंसानियत को दोस्ती करके,
दुष्ट विचारों से रहना दूर.
बोला दूजा तोता सुन लो,
रोज रात को लिखो डायरी,
अच्छी बातें जो भी सीखीं,
लाल पेन से लिखना भाई.
लाल रंग है प्रेम का सूचक,
सजगता का भी यही प्रतीक,
इन बातों पर अमल भी करना,
जीवन बने तुम्हारा सटीक.
बोला तीजा देव बनो तुम,
देव वही जो कुछ भी दे दे,
किसी को रोटी किसी को कपड़ा,
पौधों को पानी ही दे दे.
अच्छे काम की करे सराहना,
सीख किसी को किसी को फूल,
तुम्हें मिलेगा प्रेम का तोहफ़ा,
होगी दुनिया भी अनुकूल.
मैंने कहा, ”तुम भी तो देव हो,
कितनी अच्छी सीख सिखाई!
साल भले कोई भी चले अब,
सबको सुंदर राह दिखाई.
नए साल की मंगल वेला आने की दस्तक आ गई है. हम सबने तैयारी कर ली है. तीन तोतों ने भी तीन जीवनोपयोगी शिक्षाएं देकर हमारे जीवन को सुखी, संपन्न और समृद्ध बनाने की बीन बजा दी है. सबको नववर्ष की स्नेहिल शुभकामनाएं