गीतिका/ग़ज़ल

उनको दुनिया से ड़र कैसा जिनका मन सच्चा होता है

उनको दुनिया से ड़र कैसा जिनका मन सच्चा होता है
जिनके कोई साथ नही हो उनके साथ ख़ुदा होता है

जो होना है जब होना है सब कुछ तय है इस दुनिया में
दुनिया वालों के कह देने से दुनिया में क्या होता है

कल की कड़वी बातों में उलझे रहकर क्या हासिल होगा
अच्छा होगा गर ये सोचो हर दिन एक नया होता है

तेरी यादें आ जाती हैं अक्सर मेरा साथ निभाने
जब अपनों के बीच कभी ये दिल बेहद तन्हा होता है

उनको भगवद्गीता का संदेश सुनाते देखा हमने
जिनका दीन इमान सभी कुछ पैसा बस पैसा होता है

वक्त अगर अच्छा हो तो फिर होता है हर कोई अपना
साथ निभाता है गर्दिश में जो सचमुच अपना होता है

सिर्फ़ चुनावी मौसम में ही जनता का होता है नेता
वर्ना सबको बात पता है नेता कब किसका होता है

सतीश बंसल
२३.११.२०१८

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.