कविता

दोनों पीढ़ियाँ ज़िंदादिल हो

दूरियाँ इतनी ना बढ़ाओ कि पास आना मुश्किल हो
क्यूँ ना घर का बच्चा हमारी गुफ्तगू में शामिल हो

खुदखुशी का ख़्याल भी कभी ना ज़हन में आए
दिल खोल पाएँ ये हमसे विश्वास ऐसा हासिल हो

ना जाने कितनी तकलीफ़ें देती है ये नादान उम्र
तकलीफ़ें इनकी सुनें घर के बड़े और बड़ा दिल हो

मोबाइल पर रहते हैं व्यस्त घंटों, काम है कहकर
पूछो, बात करो खुलकर, जब बड़ रहा खूब बिल हो

अव्वल रहने के भोज तले दब गया इनका हुनर
गुब्बारे हैं, चूमेंगे आसमां, पर हवा ना फ़ाजिल हो

दोस्ती की उम्र में कोई गलत ना दोस्त बन जाये
बढ़ाओ हाथ दोस्ती का ये ख़ाब भी इनका कामिल हो

कशिश रहती है और दीवानगी किसी को पाने की
अकेलेपन का शिकार बनकर ख़ुद के ना कातिल हो

वक़्त की नज़ाकत है पाट दो ये पीढ़ियों की खाई
गले लगाओ इस पीढ़ी को दोनों पीढ़ियाँ ज़िंदादिल हो

अखबार में आए दिन किशोरों/नौजवानो की खुदखुशी की खबर पढ़ कर दुखी मन के भाव

अर्जुन सिंह नेगी

नाम : अर्जुन सिंह नेगी पिता का नाम – श्री प्रताप सिंह नेगी जन्म तिथि : 25 मार्च 1987 शिक्षा : बी.ए., डिप्लोमा (सिविल इंजीनियरिंग), ग्रामीण विकास मे स्नातकोत्तर डिप्लोमा। पेशा : एसजेवीएन लिमिटेड (भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम) में सहायक प्रबन्धक के पद पर कार्यरत l लेखन की शुरुआत : सितम्बर, 2007 से (हिमप्रस्थ में प्रथम कविता प्रकाशित) l प्रकाशन का विवरण (समाचार पत्र व पत्रिकाएँ): दिव्य हिमाचल (समाचार पत्र), फोकस हिमाचल साप्ताहिक (मंडी,हि.प्र.), हिमाचल दस्तक (समाचार पत्र ), गिरिराज साप्ताहिक(शिमला), हिमप्रस्थ(शिमला), प्रगतिशील साहित्य (दिल्ली), एक नज़र (दिल्ली), एसजेवीएन(शिमला) की गृह राजभाषा पत्रिका “हिम शक्ति” जय विजय (दिल्ली), ककसाड, सुसंभाव्य, सृजन सरिता व स्थानीय पत्र- पत्रिकाओ मे समय- समय पर प्रकाशन, 5 साँझा काव्य संग्रह प्रकशित, वर्ष 2019 में अंतिका प्रकाशन दिल्ली से कविता संग्रह "मुझे उड़ना है" प्रकाशितl विधाएँ : कविता , लघुकथा , आलेख आदि प्रसारण : कवि सम्मेलनों में भागीदारी l स्थायी पता : गाँव व पत्रालय –नारायण निवास, कटगाँव तहसील – निचार, जिला – किन्नौर (हिमाचल प्रदेश) पिन – 172118 वर्तमान पता : निगमित सतर्कता विभाग , एसजेवीएन लिमिटेड, शक्ति सदन, शनान, शिमला , जिला – शिमला (हिमाचल प्रदेश) -171006 मोबाइल – 09418033874 ई - मेल :[email protected]