कलम जयकार लिखेगी
कलम जब भी उठेगी
यशस्वी गीत लिखेगी।
देश के रखवालों की
कलम जय जयकार लिखेगी।
न्यौछावर जीवन किया
पल न एक विश्राम लिया।
बहादुर वीर जवानों की
कलम जय जयकार लिखेगी।
माँ भारती का वरण किया
घर-द्वार सब छोड़ दिया।
छू कर उनके चरणों को
कलम जय जयकार लिखेगी।
काया को मजबूत किया
माया से मुँह मोड़ लिया।
अहर्निश जाग जाग कर
कलम जय जयकार लिखेगी।
खुले व्योम का चयन किया
शूरवीरों का गमन किया।
स्याही को रोशनाई कर
कलम जय जयकार लिखेगी।
— निशा नंदिनी भारतीय
तिनसुकिया, असम