दर्द मिलना हुज़ूर जारी है
दर्द मिलना हुजूर जारी है।
कहिये क्या आप की तैयारी है।।
रंगत सच की सफेद है माना।
झूठ की भी तो शक्ल प्यारी है।।
और कितने नकाब मैं खींचू।
हर एक शक्ल में अय्यारी है।।
आज का दिन खराब हो कैसे।
आज माँ ने नज़र उतारी है।।
ऐसे कैसे उन्हें बुरा कह दें।
दुश्मनों से भी अपनी यारी है।।
हार का फैसला ‘लहर’ कैसा।
अभी तो चलना मेरा जारी है।।