पहले पत्थर हुआ होगा
पहले पत्थर हुआ होगा, फिर तराशा गया होगा।
उसी के बाद लोगों ने खुदा जैसा कहा होगा।।
लोग कहते हैं किस्मत में शोहरतें भर के वो लाया,
मैं सोचता हूँ बैठा कि वो क्या से क्या हुआ होगा।
महफ़िल में क्यों बैठे जब तुम्हारा जी नही लगता,
जहाँ से आये जाने का, भी वो ही रास्ता होगा।
देख हैरान हूं फिर आज कूड़े में मिली बच्ची,
हो बेबस माँ ने खून अपनी ममता का किया होगा।
वतन का साथ मांगता है वो सरहद पे सिपाही,
तुम्हारे दम पे ही उसने, तन तिरंगा किया होगा।
न झटक हाथ झुर्रियों भरे कि सारी उम्र इन्होंने,
दुआ बन तेरे ही सिर पे ‘लहर’ साया किया होगा।