कविता

ऐसा तुमने होना ना दिया

सख्त पाहन सा दिल मेरा
हो ऐसा तुमने होने ना दिया

लगा इश्क मेरी वफाओ से
सकूँ से तुमने सोने ना दिया

कर लूं तिजारत खुद से मैं
हवाओं में तूने खोने ना दिया

भीगा है मोतियों से मन मेरा
आखों को तुमने रोने ना दिया

जी लूं तन्हा ये जिंदगी अब
अकेले बोझ ये ढोने ना दिया

मोहब्बत हो या कैद ए जंजीर
जुदा खुद से होने ना दिया

पल्लवित हो सुमन इस बाग में
ऐसा बीज तुमने बोने ना दिया

बेवफाई की चिता जल रही है
पर कफ़न तुमनेओढ़ने ना दिया

संदीप चतुर्वेदी “संघर्ष “

संदीप चतुर्वेदी "संघर्ष"

s/o श्री हरकिशोर चतुर्वेदी निवास -- मूसानगर अतर्रा - बांदा ( उत्तर प्रदेश ) कार्य -- एक प्राइवेट स्कूल संचालक ( s s कान्वेंट स्कूल ) विशेष -- आकाशवाणी छतरपुर में काव्य पाठ मो. 75665 01631