यादें
समय-असमय,
आ धमकती हैं !
और ले जातीं हैं…
भूली-बिसरी इक दुनिया में !
और अजब अहसास दिलातीं हैं,
उफ़ ये यादें… कभी भी आ जातीं हैं !!
कभी देतीं हैं,
शीतलता का एहसास !
मुस्कुरा देते हैं लब,
याद कर.. कोई परिहास !
बुलावे की जरूरत ही नहीं…
बिन न्यौते के ही आ जातीं हैं,
कुछ यादें… बहुत तड़पाती हैं !!
कुछ अब भी…
चुभतीं हैं शूल सी !
कुछ रहतीं हैं
यादों में… धूल सी !!
कुछ दिल में सदा महकती हैं
और कुछ… दिल को ही महका जाती हैं
ये यादें… कभी भी आ जातीं हैं !!
भूला देतीं हैं
ये उम्र की सिलवटें !
और एहसासों को,
जीवन के…
बीते युग में ले जातीं हैं,
कभी हसाती कभी रुलातीं हैं !
उफ़ ये यादें… कभी भी आ जातीं हैं !!
अंजु गुप्ता