कविता

यादें

समय-असमय,
आ धमकती हैं !
और ले जातीं हैं…
भूली-बिसरी इक दुनिया में !
और अजब अहसास दिलातीं हैं,
उफ़ ये यादें… कभी भी आ जातीं हैं !!

कभी देतीं हैं,
शीतलता का एहसास !
मुस्कुरा देते हैं लब,
याद कर.. कोई परिहास !
बुलावे की जरूरत ही नहीं…
बिन न्यौते के ही आ जातीं हैं,
कुछ यादें… बहुत तड़पाती हैं !!

कुछ अब भी…
चुभतीं हैं शूल सी !
कुछ रहतीं हैं
यादों में… धूल सी !!
कुछ दिल में सदा महकती हैं
और कुछ… दिल को ही महका जाती हैं
ये यादें… कभी भी आ जातीं हैं !!

भूला देतीं हैं
ये उम्र की सिलवटें !
और एहसासों को,
जीवन के…
बीते युग में ले जातीं हैं,
कभी हसाती कभी रुलातीं हैं !
उफ़ ये यादें… कभी भी आ जातीं हैं !!

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed