कविता

बैशाखी

धरती की गोद पर सुंदर उजियाला छाया है।
बैशाखी का त्यौहार नई उम्मीदों को लाया है।।

धरती के आँचल ने अपना सुनहरा रूप दिखलाया है।
धरती की सुंदरता देख किसान का मन हर्षाया है।।

देख धरती का सुनहरा रूप कृषक झूम के नाचा है।
अपनी फसल से अब उसको खुशाली की आशा है।।

अबकी फसल से उसके सारे संकट दूर हो जाएंगे।
कर्जे सारे दूर कर चैन की नींद अब पाएगा।।

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- [email protected] एवं [email protected] ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)