गीतिका/ग़ज़ल

चाहते हैं आप ऊँचा पद अगर…

चाहते हैं आप ऊँचा पद अगर
सीख लीजे चापलूसी का हुनर

दूर कितनी चल सकोगे सोच लो
मुश्किलों से है भरी सच की ड़गर

मिल गया फिर से ठिकाना झूठ को
देखिये सच फिर रहा है दर-ब-दर

हो रही दीवार आँगन में खड़ी
देख रोया फूट आँगन का शजर

ग़र धरम अपना समझता आदमी
क्यूँ लहू बहता धरम के नाम पर

मौसमी बदलाव में किसको पता
कब हवा बहने लगे जाने किधर

काश उनकी गोद में हो सर मेरा
ख़त्म हो जब ज़िन्दगानी का सफ़र

सतीश बंसल
२८.०५.२०१९

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.