“तुम याद आए”
हुई बरसात तो तुम याद आए
उमड़े जज्बात तो तुम याद आए,
हिचकियां हिचकियों पर आती रही
किसने किया याद तो तुम याद आए,
रात महफिल थी सब नशे में थे
छिड़ी जब बात तो तुम याद आए,
तन्हा छोड़ा मुझे सब घर को गए
हुई जब रात तो तुम याद आए,
फूल ही फूल खिले गुलशन में
महके जब बाग तो तुम याद आए,
चांदनी खिल रही है रातों को
उगा जब चांद तो तुम याद आए,
कोयलिया जब भी सुर में गाती है
छेड़े जब गान तो तुम याद आए,