गीतिका/ग़ज़ल

“तुम याद आए”

हुई बरसात तो तुम याद आए
उमड़े जज्बात तो तुम याद आए,

हिचकियां हिचकियों पर आती रही
किसने किया याद तो तुम याद आए,

रात महफिल थी सब नशे में थे
छिड़ी जब बात तो तुम याद आए,

तन्हा छोड़ा मुझे सब घर को गए
हुई जब रात तो तुम याद आए,

फूल ही फूल खिले गुलशन में
महके जब बाग तो तुम याद आए,

चांदनी खिल रही है रातों को
उगा जब चांद तो तुम याद आए,

कोयलिया जब भी सुर में गाती है
छेड़े जब गान तो तुम याद आए,

राजेश सिंह

पिता. :श्री राम चंद्र सिंह जन्म तिथि. :०३ जुलाई १९७५ शिक्षा. :एमबीए(विपणन) वर्तमान पता. : फ्लैट नं: ऐ/303, गौतम अपार्टमेंट रहेजा टाउनशिप, मलाड (पूर्व) मुंबई-400097. व्यवसाय. : मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीयकृत बैंक, मुंबई मोबाइल. :09833775798/08369310727 ईमेल. :raj444singhgkp@gmail.com