कविता

गर्मी में तेरी शरद एहसास

गरम गर्मी के मौसम में
तेरे अहसास
मेरे सीने में ठंडक देते है।

सूर्य तपता है भले
किसी आग के गोले की तरह
मगर ताकता हूं जब भी
तेरा चेहरा उसमें,
चांद सी ठंडक देता है
दिल की धड़कनों को।

गरम लू की तरह चलती है
ये गर्म हवाएं
मगर जब भी महसूस करता हूं,

खुशबू तेरी इन हवाओं में
हिमालय की बर्फीली
ठंडी हवा की तरह
मेरे सीने को देती है
हर पल, हर जगह ये ठंडक।

— राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- [email protected] M- 9876777233