मोहब्बत
हुआ आगाज भी न था मगर अंजाम लिख डाला
सुबह तेरी इबादत की तुझे ही शाम लिख डाला
तू दिल पे छा गई ऐसा मेरे पहली नजर में ही
मोहब्बत की कलम से दिल पे तेरा नाम लिख डाला
हुआ आगाज भी न था मगर अंजाम लिख डाला
सुबह तेरी इबादत की तुझे ही शाम लिख डाला