अभी तक मौन हूं
मर रहा इंसानियत
हो रही हैवानियत
लूट रही अस्मित
टूट रही सांस
छूट रही आस
गिर रहा विश्वास
रूकता नही प्यास
टकटकी लगा आस
सरकार से निराश
रूका हुआ विश्वास
मैं आखिर कौन हूं ,
आम जनता ही हूं
अभी तक मौन हूं।
— अभिषेक राज शर्मा