वोट पर्व
होंगे नहीं जबतक हम सभी खुद ही समझदार
तब तक तो हम इस देश को लुटाते रहेंगे !
होगा नहीं कभी भी अपने देश का विकास
जब तक ये नष्ट – भ्रष्ट लोग आते रहेंगे !
लड़ – लड़ के तोड़ देतें हैं जो अपने घरों को
क्या खाक अपने वतन को बचाते रहेंगे !
आती नहीं है लाज जिसे करने में देशद्रोह
क्या वो भारत माँ की लाज को बचा भी सकेंगे !
बनिये सदा ही भक्त, कभी ना बनिये अंधभक
नहीं तो देश की हस्ती ही को मिटाते रहेंगे !
जात देखिये नहीं और न ही धर्म देखिये
अब उनके पाँच सालों का बस कर्म देखिये
नहीं तो पाँच साल हम खुद को ही सताते रहेंगे !
सोंचये, विचारइये औ तर्क खुद से कीजिये !
जो है सच्चा देशभक्त वोट उसको दीजिये !
तभी तो इस धरा में परचम हम लहराते रहेंगे !
तभी तो इस धरा में परचम हम लहराते रहेंगे !