हे शिव शम्भू अंतरयामी
हे सदा शिव, हे अंतरयामी
हे महाकाल, हे त्रिपुरारी
हे शशि कपाल धारक
हे प्रभु कष्ट निवारक
हे नागेश्वर, हे रुद्राय
हे नीलकंठ, हे शिवाय
हे शिव शम्भू, हे प्रतिपालक
हे दयानिधि हे युग विनाशक
हे गौरी पति,हे कैलाशी
हे काशी वासी,हे अविनाशी
हे पिनाकी ,हे कपाली
हे कैलाशी, हे जगतव्यापी
हे गंगाधराय, हे जटाधराय
हे जगतपिता सर्वव्यापी
हे गणपति नंदन, हे तारक मर्दन
हे भूत पतेय, हे भस्मरङ्गी
हे उमा पति ,हे भोले भंडारी
हे अमरनाथ विनती सुनो हमारी
काल हरो प्रभु दुख हरो
रोग दोष प्रभु दूर करो
हे केदारेश्वर ,हे भद्रेश्वर
हे बागम्बरधारी, हे मुरारी।।
- संध्या चतुर्वेदी
अहमदाबाद गुजरात