हम उन की मजारों पर सर झुकाते रहे वो हमारे मन्दिरों को गिराते रहे। हम फूल कब्र पर चढाते रहे। वो जिंदा हमें जलाते रहे। हमने हर तरह उनकी इज्जत रखी वे इज्जत की धज्जी उड़ाते रहे। गले से हमने लगाया उन्हें, वो गला रेत खुशियाँ मनाते रहे। हम घरों में उनको बुलाते रहे। वो […]
Author: संध्या चतुर्वेदी
माँ अब मुझ को काजल नही लगाती है।
शायद माँ को मेरी अब चिंता नही सताती है। इसलिए माँ अब मुझ को काजल नही लगाती है। बचपन में बुरी नजर का काला टीका लगाती थी। बीमार पड़ जाने पर कितनी तरह से नजर उतारती थी। आज अकेले में भी मेरे पास नही आती है। शायद अब माँ को मेरी चिंता नही सताती है। […]
कवि का धर्म
कवि होना सहज नहीं। कवि होने के लिए धरती सा धीरज चाहिए। समेट लेता है कवि सारे भावों को सीप में छुपे मोती की तरह। समुंद मंथन कर दुनियां को देता है अनमोल काव्य रत्न। समाज में व्यापत विष को भी उजागर करता है और प्रेम रूपी अमृत को दुनियां से मिलाता है। बसंत […]
संध्या चतुर्वेदी को मिलाकाव्य कौस्तुभ और काव्य भारती सम्मान
“वाह वाह क्या बात है” अखिल भारतीय कवि मंच द्वारा रंगपंचमी के पावन पर आयोजित ऑनलाइन अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन- “रंगोत्सव” ऑनलाइन कवि सम्मेलन की श्रृंखला में एक यादगार,भव्य, अद्भुत और ऐतिहासिक आयोजन रहा। सुबह 11:00 बजे से रात्रि 12:30 तक लगातार साढ़े तेरह घण्टे संचालित इस कवि सम्मेलन का शानदार, अद्वितीय व मधुर […]
रिश्तें भी पकते है मेरी रसोई में
रिश्ते भी पकते है मेरी रसोई में। कुछ खटास में कुछ मिठास मिलाती है रसोंई भी। जब साथ बैठ हम खाना खाते है तो बिगड़े हुए कुछ रिश्तें भी बचाते है। सिर्फ खाना नहीं रिश्ते भी पकते है मेरी रसोंई है। जब होली पर गुजिया तली जाती है, चाशनी में रिश्तों की मिठास घोली जाती […]
हारेगा कोरोना
दुखी है सारी दुनियां जापान से ले कर इंडिया ऑस्ट्रेलिया से ले कर अमेरिका बस फैला है कोरोना दुखी है सारी दुनियांदुखी है सारी दुनियां जापान से ले कर इंडिया ऑस्ट्रेलिया से ले कर अमेरिका बस फैला है कोरोना बंद है सारे गुरुद्वारे बंद है मंदिर सारे बस मस्जिद में नवाज हो ना तो फैले […]
धर्म आप की रक्षा के लिए है
धर्म को अपनाये, धर्म आप की रक्षा के लिए बना है। कल तक जो सनातन धर्म को अन्धविश्वासी और पाखंडी बोल कर निंदा करते थे। कहते थे कि सब ढोंग है छुत अछूत मान कर दूसरों का अपमान करतें है। सच यह नही था, सच तो यह था कि हमारे धर्म मे शुद्धता और […]
कोरोना का हव्वा
कोरोना से डरने की कोई बात नही है। छोटी सी बीमारी है इत्ती बडी बात नही है। फैलायी चीन ने है बना दिया हव्वा। सादा सी सर्दी खासी हो तो डरने की बात नही है। गर्म पानी में अदरक ले उबाल घुट घुट कर पिये दिन में तीन बार। कपड़ो को धूप में सुखाकर रखें […]
नारी रत्न और पॉजिटिव वुमन सम्मान
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर संध्या चतुर्वेदी को मिले नारी रत्न और पॉजिटिव वुमन सम्मान पत्र। सिद्धि -एक उम्मीद महिला साहित्यिक समूह ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला रचनाकारों को सम्मानित किया,जिसमे समूह के आयोजक श्री शशि कांत अनमोल जी ने साहित्यिक योगदान के लिए समूह की महिला रचनाकारों को महिला दिवस के सुअवसर पर पॉजिटिव […]
आक्रामक भीड़
आक्रमक भीड़ का कोई चरित्र नही होता। ये तो वो कठपुतली है जो नायक के इशारों पर नाचती है। पर्दे के पीछे डोर कोई और खिंचता है और ये आक्रामक हो जाती है। इस का कोई निजी मंसूबा भी नही होता। जिस के हाथ मे बस उसी की गुलाम। खुद गुलामी में दबी है और […]