हौसला है मंज़िलों का रास्ता मालूम है…
हौसला है मंजिलों का रास्ता मालूम है
इसलिये तो ज़िन्दगी का फलसफ़ा मालूम है
और कुछ मालूम चाहे हो नही हो पर हमें
ज़िन्दगी का हर ज़रूरी कायदा मालूम है
ये अलग हैं बात उसने होट खोले ही नही
पर नज़र से जो कहा क्या क्या कहा मालूम है
ये चढ़ा इक बार तो मुश्किल उतरना है बहुत
हाँ निगाहे जाम का मुझको नशा मालूम है
जुर्म दुनिया से छुपा सकते हो तुम लेकिन उसे
कब करी किसने करी कितनी ख़ता मालूम है
मुद्दतों से लड़ रहे हैं नाम पर नादान हम
जबकि सबको एक ही हैं, रब ख़ुदा मालूम है
जो तुले हैं दूर करने पर उसे शायद उन्हें
दर्द की मेरे वही है इक दवा मालूम है
सतीश बंसल
१४.०८.२०१९