हास्य व्यंग्य

ईमानदारी का बोझ

सभी को ईमानदारी शब्द सुनकर मन को शांति मिल जाता है, मैं लोकल अखबार में ज्वाइन कर लिया, सोचा पढ़ाई के साथ कुछ खर्च निकल आयेगें।
महात्मा गांधी के जयंती पर मुझे ऐसे में एक बहुत बडे़ ईमानदार से मुलाकात हुआ, जो शहर के नामी ईमानदार हुआ करते थे। शहर के तमाम छोटे-बडे़ नेता उनके नाम की वास्ता देते लोगो को सपने दिखाया करते थे। अखबार वाले महात्मा गांधी के जयंती पर स्पेशल कवरेज देकर चाय नमकीन करके जाते। कभी-कभी चैनल वाले आ जाते, तब ईमानदार साहब सफेद कुर्ता पहनकर चैनल पर बडे़ ईमानदारी फेकते और आखिर में बोलते ” मेरे पोते के वाट्सअप पर जरूर डाल देना।
मुझ गरीब को देखकर बोले ” हां आप क्या पूछना चाहते हो।
” मैं महात्मा गांधी के उपर आर्टीकल लिखने वाला हूं, आप ईमानदार हो।”
वो मुंछ में खजुली करके बोले “सब दया है, जवानी के दिन में रेलवे स्टेशन पर एक बैग मिल गया, वह बैग नेता की जिसे गलती से मैं उसे वापस कर दिया। तब से ईमानदार  की ठप्पा लगाकर टहल रहे है, ये कहते वे मायूस हो गये।
मैं उनकी भावना को पकड़ लिया, बोला- “साहब आप का नाम बहुत प्रसिध्द हो गया है”
वो गुस्से में लाल हो गये- “हां प्रसिध्दी कुछ नही होता, जिदंगी के लिये कुछ चाहियें, जिससे जिदंगी आसान नही होता है। नेता समाज मेरे नाम पर वोट मांगते , मगर मेरे दिल की बात समझते नही है। वैसे मैं कई दफा इशारा तक कर चुका हूं, शायद मेरे ईमानदारी की वजह से वो मुझे इस लायक नही समझते।
मैं बोला “ओह ये बात है।”
“अरे भाई जब से ईमानदारी ने मेरे उपर कदम रखा बहुत परेशान हो गया हूं, अभी पिछले सप्ताह बाजार में पूरे  100 का नोट गिरा था, मेरी तिरछी नजर में आ गया, आम से खास इसान हूं जब मेरे ईमानदारी की झूठी कसमे खाया जा रहा है ये बताओ अगर मैं झुककर उठाता सोचो इज्जत की क्या होता। खैर सबके अपने दुख: होता है, तुम शादीशुदा हो।
“नही,नही”
“बहुत ठीक बेटा आगे करना मत, मेरे घर पर रोज कलह होता है, मेरे बीबी और बच्चे बोलते रहते कि जबसे ईमानदारी का बोझ सिर पर उठाये हो, घर पर लाखो रूपये की चाय पत्रकारो और नेताओ को पिला चुके हो, कही से कोई चवन्नी नही दिया है।
मैं बोला” ओह बहुत दुखद है, महात्मा गांधी के बारे में कुछ बताइये।”
वह बोले” बापू नोटो में अच्छे लगते है, तुम चलो भाई अब आराम करना है।” मुझे चार पन्नो पर अपनी ईमानदारी का गाथा दिये, और बोले” मेरी अपनी वार्तालाप को मत छाप देना, वह बस मेरे व्यक्तिगत जीवन का तस्वीर है।
अभिषेक राज शर्मा

अभिषेक राज शर्मा

कवि अभिषेक राज शर्मा जौनपुर (उप्र०) मो. 8115130965 ईमेल [email protected] [email protected]