गीतिका/ग़ज़ल

करे याद जिंदगी

हवसी तेरे हवस ने की बरबाद जिंदगी।
हँसती हँसती उजाड़ दीआबाद जिंदगी।
सुंदर काया देख क्यों  तिलमिला  उठा,
जला दी क्यों  काफिर  नायाब जिंदगी।
कानून बददुआओं का असर होता नहीं,
कब तक रहेंगे करते यह खराब जिंदगी।
चलना फिरना दुष्कर किया है नारी का,
कब तक वो जीए ओढ़े नकाब  जिंदगी।
खुदा का जिन को खौफ़ रहा रता नहीं,
कैसे जीएगी अमन से यह शाद जिंदगी।
उड़ा दो शरेआम जो करता जुल्मो कर्म,
काट दो सर जुल्मी का करे याद जिंदगी।
— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995