सामाजिक

नाबालिक युवक पोर्न फिल्में देख नशा करके देते हैं बलात्कार हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम

नाबालिग युवक आज भारत में इस कदर नशा और पोर्न फिल्म देख बलात्कार और हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जो बेहद ही गंभीर और दुखद है. आप सभी देख रहे हैं कि आज  ज्यादातर आरोपी नाबालिक होते हैं, जो नशे की हालत में अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं और अश्लीलता को अपने दिमाग में इस तरह भर लेते हैं कि बलात्कार हत्या तक कर देते हैं. यह भारत में काफी समय से चल रहा है. जिस उम्र में नाबालिग युवकों को अपना भविष्य बनाना चाहिए, उस उम्र में वह नशे को इस प्रकार अपना चुके हैं जो कि बेहद ही गंभीर विषय है. निर्भया कांड की बात हो या फिर अन्य राज्य में हो रही बलात्कार जैसी घटनाओं में ज्यादातर नाबालिक ही मिलेंगे. क्या यह सब करना उचित है? हमें अपने नाबालिग बच्चों को समझाना होगा, उन पर ध्यान देना होगा कि वह क्या कर रहे हैं और क्या नहीं. आज भारत में बलात्कार और हत्या कर देना इस प्रकार के अपराध आम बात बन चुके हैं. सरकार को भी चाहिए कि इस विषय में गंभीर कदम उठाते हुए इस विषय पर कठोर कानून बनाने चाहिए, ताकि आगे से कोई इस प्रकार की घटना को अंजाम ना दे सके. जहां अन्य देशों में बलात्कार हत्या जैसी घटनाओं के लिए कठोर कानून है वहीं भारत बहुत पीछे है. आज नवयुग  मैं पोर्न फिल्में देखना आम बात बन चुकी है. क्या इन सब पर रोक लगना अनिवार्य नहीं है? नाबालिगों में अश्लीलता इस प्रकार घुस चुकी है कि वह छोटी-छोटी बच्चियों जिनकी उम्र मात्र 4 से 5 साल होती है उन्हें भी नहीं छोड़ते और बलात्कार कर उनकी हत्या तक कर देते हैं. हम सभी लोगों को इस विषय पर संज्ञान लेते हुए गंभीर कदम उठाने चाहिए. मात्र कैंडल मार्च निकालने, आंदोलन करने से कुछ नहीं होगा. आखिर क्या वजह है जो इस प्रकार की घटनाएं नहीं रुक रही हैं. आप सभी से अनुरोध है कृपया कर अपने नाबालिग बच्चों को समझाएं और नशा व पोर्न फिल्में ना देखने की सलाह दें, जिससे कि वह एक अच्छा आदमी बन अपना भविष्य निर्धारित कर सके और आपका नाम रोशन कर सकें.

— अमित राजपूत

अमित कुमार राजपूत

मैं पत्रकार हूं निवासी गाजियाबाद उत्तर प्रदेश