दुनिया को उपदेश देता, दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी देश
‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे ‘वाली भारतीय कहावत, इस धरती के सबसे बड़े आतंकवादी देशों, यथा अमेरिका और मरणासन्न ब्रिटेन जैसे देशों पर बिल्कुल सटीक बैठती है, इन युद्धपिपासु और मानवहंता देशों पर अब तक दर्जनों निरपराध देशों को बर्बाद करने, उनके राष्ट्राध्यक्षों की निर्मम हत्या कराने, दुनिया भर में करोड़ों मनुष्यों का खून बहाने, कई प्राचीन सभ्यताओं को मटियामेट करने के बावजूद भी ‘मानवों के शिकार ‘ करने की इनकी ‘मानवभक्षी पिपाशा ‘का स्वभाव अभी भी शांत नहीं हो रहा है, तभी तो कल एक स्वंतत्र देश की संप्रुभता और उसके स्वाभिमान को दरकिनार करते हुए, उसके सेनाध्यक्ष की ही हत्या करने की खबर सभी अख़बारों में आज छाई हुई है।
आज के समाचार पत्रों में ईरानी सेना के ‘इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर के चीफ ‘ जनरल कासिम सुलेमानी और ‘इराकी मिलिशिया के कंमाडर ‘अबू मेंहदी को इराक की राजधानी बगदाद में जघन्य हत्या कर दिया। समाचारों के अनुसार ईरान में लोकप्रियता व महत्वपूर्ण लोगों के क्रम में जनरल कासिम सुलेमानी वहाँ के राष्ट्रपति के बाद दूसरे नंबर के महत्वपूर्ण शख्स थे। अमेरिका और उसके पिट्ठू देशों सऊदी अरब और इजरायल की नजरों में ईरानी सेना की यह प्रमुख सहयोगी सेना ‘इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड ‘ही आतंकी थी व इसके सेनाध्यक्ष जनरल कासिम सुलेमानी ‘जेम्स बॉन्ड ‘थे, उनका खात्मा जरूरी था।
अब प्रश्न है ईरान की जनता की नजरों में डोनाल्ड ट्रंप क्या हैं? हर देश की जनता और उसके कर्णधारों की नजरों में दुश्मन देश के नेता और उसकी सेना के सेनाध्यक्ष ‘देवदूत ‘तो हो नहीं सकते ! फिर अगर आज ईरान बदले की कार्यवाही करके अमेरिकी सेना के सेनाध्यक्ष को धोखे से वाशिंगटन डीसी में हत्या कर दे, तो उसका भी कोई दोष नहीं होना चाहिए, क्योंकि ईरान की नज़रों में वह ईरान का एक नंबर का दुश्मन और आतंकवादी था।
सब मिलाकर अमेरिका का यह कुकृत्य सर्वथा भर्त्सनीय है, इसके अतिरिक्त परमाणु बमों की ढेर पर बैठी यह दुनिया अमेरिकी कुकृत्यों की वजह से एक कदम तीसरे विश्वयुद्ध की तरफ बढ़ गई है। आजकल दुनियाभर में डोनाल्ड ट्रंप टाइप कई देशों में ऐसे कुटिल लोग अपनी देश की सत्ता पर का़बिज हैं, जो अपनी सत्ता के लिए अपने देश सहित, दुनिया की अरबों जनता को भी तृतीय विश्वयुद्ध में झोंक देने में उन्हें जरा भी झिझक और संकोच नहीं है और अभी घटी ईरानी जनरल की दुःखद हत्या की दुर्घटना इसी दिशा में ले जाने की प्रतीक है। यह वर्तमान दुनिया भर के लिए बहुत ही चिन्ताजनक और भयावहतम् है।
— निर्मल कुमार शर्मा
आपकी बात अपनी जगह ठीक है। लेकिन मेरे विचार से अपने दुश्मन देश के सेनापति की हत्या करने में कुछ भी गलत नहीं है। वह चाहे तो अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या कर सकता है, यदि उसमें इतनी शक्ति है। वैसे भी ईरानी नेता दिन-रात अमेरिका और इस्रायल को बरबाद करने की कसमें खाते रहते हैं।