मुक्तकों में हिंदी
गर्व से हिंदी में सिखाती हूँ
शान से हिंदी में पढ़ाती हूँ
आजीविका भी हिंदी से जुड़ी
हिंदी को ओढ़ती – बिछाती हूँ ।
१
सुरवाणी से जन्मी है हिंदी ,
है यह देश के भाल की बिंदी ,
राष्ट्र संघ ने भी महिमा जानी ;
भारतवासी की भाषा हिंदी .
२
है हिन्दी युगों से महारानी ,
जन – मन – गण के भावों की रानी
वीणावादिनी की वंदना बन के ;
गूँजे है कवि-उर में पटरानी .
३
आन्दोलनों का दस्तावेज ये ,
है तिलक का भी गणेश पर्व ये ,
गोरे राज की गुलामी में भी
बनी आजादी की मशालें ये .
४
यहाँ हर भाषा का है सम्मान .
विविधताओं से देश है महान ,
विभिन्न भाषा ‘ ओ ‘ बोली इसकी
बना हिंदी से है हिन्दुस्तान .
५
अश्क – मुस्कान की भाषा हिन्दी ,
जोड़े है सब प्रान्तों को हिंदी ,
भारत की राजभाषा बनी पर
अभी न बनी राष्ट्र भाषा हिंदी .