सर पटकने से पत्थर पिघलता नहीं
सर पटकने से पत्थर पिघलता नहीं।
लिखा किस्मत का टाले से टलता नहीं।।
लग गया हो अगर इश्क का रोग तो,
लाख कर लो दवा दिल बहलता नहीं।
तार दिल के किसी से जुड़े हैं जरूर,
वर्ना दिल यूँ अचानक धड़कता नहीं।
दिल जला है किसी का करो अब पता,
धुआं यूँ ही फिजाओं में उठता नहीं।
बड़ा मुश्किल है रंगना सभी को यहाँ,
रंग गहरे पर रंग कोई चढ़ता नहीं।
डालती है किरण शब्दों में आत्मा ,
गीत यूँ ही दिलों तक पहुँचता नहीं।