प्रॉमिस डे आज आया है,
वादा मुझे भी करना है,
छोटा बच्चा हूं तो फिर क्या!
सबके दुःख को हरना है.
आज्ञा बड़ों की मैं मानूंगा,
छोटों का रखूंगा ध्यान,
स्वच्छता सब जगह रखूंगा,
देश का मान मेरा सम्मान.
*लीला तिवानी
लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं।
लीला तिवानी
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द्वारका, नई दिल्ली
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One thought on “प्रॉमिस डे”
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मैं तो छोटा बच्चा हूं जी,
मैं किसको प्रपोज करूं?
ऐसा करता हूं मैं अपनी
ममी को ही प्रपोज़ करूं.
ममी ने ही जन्म दिया है,
हरदम मेरा ध्यान रखा,
होकर बड़ा याद करूंगा,
मैंने भी प्रपोज़ डे का मज़ा चखा.