गीत/नवगीत

रंग बरसाने दो

होली की मस्त बहार,रंग बरसाने दो।
रंग दूँ  रंग मैं लाल, पास तो आने दो।
गोरी ओढ़ी लाल चुनरिया।
काले नयन तीखी नज़रिया।
मोरनी   सी   रंग   में  साजे।
छन छन पग में घंघरू बाजे।
ढोल की मीठी ताल,कमर लचकाने दो।
रंग  दूँ  रंग मैं लाल, पास  तो  आने दो।
बदली आज रंगों की छाई।
प्रेम  घड़ी मिलने की आई।
रंग  रंगीला  जीवन  करदे।
नयनों के  रंग मन में भरदे।
रख लूँ दिल में सँभाल,नयन मिल जाने दो।
रंग  दूँ  रंग  मैं  लाल, पास  तो  आने  दो।
सखे  मारो  प्रेम पिचकारी।
प्रेम  रंग की  चढ़े  खुमारी।
आज मन के रंग बरसाओ।
प्रेम  के  रंग में  रंग जाओ।
फेंको  रंग पिया लाल,’ शिव’ रंग जाने दो।
रंग  दूँ  रंग  मैं  लाल, पास  तो  आने  दो।
— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995