गीत/नवगीत

आओ होलिका

होलिका छोड़ प्रह्लाद, जला दो अत्याचारी।
करते निर्बल का शोषण, हिंसक  दुराचारी।
हर  मां  बहन  बेटी है, मन भीतर डर रही।
मनमें उपजे खौफ से, मन ही मन डर रही।
पग पग दुशासन जैसे, हर मोढ़ पर मिलते।
अस्मत  लुटनें   दरिंदे,  हैं  बेखौफ  फिरते।
है  कैसे  बच पाएगी,  इस  देश  की  नारी।
करते निर्बल का शोषण,  हिंसक  दुराचारी।
नफरत  भाई  – भाई   में,  किसनें   फैलाई।
आए   आगज़नी   करनें,  कहाँ   से  दंगाई।
धूँ  धूँ   कर  जल रहा  है, क्यों  देश हमारा।
हिंदू मुस्लिम द्वेष रंजका दिया किसने नारा।
जला दे हुकमरानों को, की  जिसने  गद्दारी।
करते निर्बल का शोषण, हिंसक   दुराचारी।
जल जाएं संग होली के,दुष्ट गोद बिठा कर।
आतंकी, दहशतगर्दी, दरिंदे सब  जला कर।
पापों  से  मुक्ती  दे दो, पावन  यह  देश  हो।
सुख समृद्धि हो यहाँ  पर, कोई न क्लेश हो।
लाज रखो  तुम होलिके,  है  जनता पुकारी।
करते निर्बल का शोषण, हिंसक   दुराचारी।
शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. Sanyalshivraj@gmail.com M.no. 9418063995